रीवा जिले में शासकीय और निजी स्कूलों और कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या काफी ज्यादा नजर आती है,जिसमे अभी ड्रेस और किताबो को लेकर स्कूल कॉलेज प्रबंधक अब अपनी मनमानी नही कर सकेगे,जिसमे स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया पारदर्शिता के लिए धारा 144 का आदेश निकला गया है,जिले भर के अनेक शैक्षणिक संस्थान प्रबंधन द्वारा शिक्षा संस्थान में छात्रा के फीस के लेकर किताब वा ड्रेस के खरीदारी के लिए अनेक छात्र की शिकयत देखी गई,जिसमे इसको नियत्रण में रखने के लिए रीवा जिला दंडाधिकारी द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबद्धत्माक आदेश को जारी कर दिया गया है,यह आदेश एकपक्षीय रूप से 144 के उपखंड 5 के तहत मान्य होगा, साथ ही आदेश का उलघन करके वाले के ऊपर वा शिक्षा संस्थान के प्राचार्य के ऊपर भारतीय दण्ड सहिता 1860 की धारा 188 तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकेगी।
जारी किए गए आदेश के अनुसार छात्रों के अभिभावको को शिक्षा संस्थान या अन्य द्वारा ड्रेस,पुस्तक के समान के लिए विशेष किसी एक दुकान के लिए बाध्यकारी नहीं किया जाएगा, जो भी माध्यप्रदेश शिक्षा संस्थान वा सीबीएससी से स्कूल संबद्धता प्राप्त है,यह आदेश उन पर लागू रहेगा,सभी स्कूल प्रबंधन को स्कूल के प्रारंभ की तिथि से ड्रेस, कापी किताब,और अन्य उपयोग में आने वाली वस्तुओं के साथ फीस,परिवहन फीस,स्पोर्ट फीस और अन्य फीस के संबंध में स्कूल द्वारा ली जाने वाली फीस के संबंध में एक नोटिस बोर्ड में ये सभी चस्पा करना अनिवार्य होगा,साथ ही यह सभीं जानकारी की स्कूल के पोर्टल में जानकारी की साझा करना भी अनिवार्य होगा।
प्रवेश विवरण और प्रवेश के आवेदन पत्र में प्राप्त की जानें वाली सभी जानकारी को नोटिस बोर्ड और स्कूल के वेबसाइट में अपलोड करना अनिवार्य होगा,और सभी प्रकार की फीस का स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा और स्कूल के द्वारा उन्ही पाठ्य पुस्तक का निर्धन की जाए जो संबद्धता के अनुसार और छात्र पाठ्य पुस्तक की किताबें ड्रेस और अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए स्वतंत्र रूप से किसी भी दुकान से खरीदारी कर सकेगे।
छात्रों के लिए स्कूल द्वारा परिवहन की सुविधा उपलब्ध के संबंध में परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार परिवहन का कठोरता से पालन करेंगे,साथ जारी किए गए आदेश के अनुसार स्कूल के नोटिस बोर्ड में यह चश्मा करना अनिवार्य होगा कि स्कूल का ड्रेस किताब और अन्य सामग्री छात्र लेने के लिए स्वतंत्र हैं किसी एक दुकान से खरीदारी करने के लिए बाध्य नहीं होंगे, जिला दंडाधिकारी द्वारा इस आदेश के पालन हेतु अनुविभागीय अधिकारी वा जिला शिक्षा अधिकारी को कठोरता से इस आदेश का पालन करने के लिए निर्देश जारी किए गए।