RBI new 5 rule civil score: आरबीआई ने सिविल स्कोर को लेकर के नए 5 नियम बनाएं है, जो उम्मीद है,की इन रूल को अप्रैल माह में लागू कर दिए जाएंगे,यह रूल आरबीआई ने सिविल स्कोर से संबंधित नियम बनाए है,अगर आप किसी भी प्राइवेट या को फिर सरकारी बैंको में लोन लेने के लिए जाते है,तो सबसे पहले यह देखा जाता है,की लोन लेने वाले व्यक्ति का सिविल स्कोर चेक किया जाता है,और सिविल स्कोर से ही लोन की राशि का निर्धारण किया जाता है,कभी कभी ऐसा भी होता है,की बैंक की और ग्राहक को खुद गलतियों की वजह से सिविल स्कोर खराब हो जाता है,और फिर लोन मिलने में काफी समस्या सामने आती है,इसी के देखते हुए, आरबीआई ने 5 नियम का निर्धारण किया है,जो की यह नियम अप्रैल से लागू हो सकते है,जाने नियम के बारे में:
सिविल स्कोर के चेक को लेकर ग्राहक को भेजनी होगी सूचना
केंद्रीय बैंक के सभी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को कहा है,की जब भी किसी ग्राहक की कोई भी बैंक या की फिर एनबीएफसी सिविल स्कोर चेक करता है,तो ग्राहक को इस संबंध में सूचना देनी होगी,यह जानकारी ग्राहकों तक ईमेल या फिर एसएमएस के माध्यम से भेजनी होगी,सिविल स्कोर के बढ़ते शिकायतों के देखते हुए आरबीआई ने यह फैसला लिया है।
ग्राहक के किए गए रिक्वेस्ट की बतानी होगी वजह
आरबीआई के द्वारा बनाए हुए नियम के अनुसार अब ग्राहकों के द्वारा किए गए रिक्वेस्ट को अगर किसी बैंक के द्वारा रिजेक्ट किया जाया है,तो रिजेक्ट की वजह बताना जरूरी होगा,जिससे ग्राहकों को या समझा आ सके, की जो रिक्वेस्ट किया गया था,वह किस वजह से रिजेक्ट कर दिया गया है,साथ ही एक लिस्ट बनाकर और लिस्ट में नंबर बाय रिजेक्ट के सभी बिंदुओं को लिखना अनिवार्य होगा,और साथ ही उस लिस्ट को सिविल इंट्रीट्यूशन को भेजना जरूरी होगा।
साल में एक बार ग्राहकों के फ्री में फुल सिविल स्कोर को रिपोर्ट मुहाया करवाई जाए
आरबीआई के अनुसार सभी सिविल स्कोर कंपनी के द्वारा साल में एक बार ग्राहकों को फ्री में यह सुविधा मुहाया कराई जायेगी,की फुल सिविल स्कोर को ग्राहकों को दिया जायेगा,इसके लिए कंपनी के द्वारा वेबसाइट पर एक लिंक को डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा,जिससे ग्राहक फ्री में साल में एक बार अपना फुल सिविल स्कोर चेक कर सके।
ग्राहकों को डिफॉल्ट की रिपोर्ट से पहले बताना होगा जरूरी
अगर कोई भी व्यक्ति डिफॉल्ट की श्रेणी में आने वाला है,तो ग्राहक के डिफॉल्ट रिपोर्ट से पहले ग्राहक को सूचना देना जरूरी होगा,लोन देने वाले बैंक इसकी सूचना ईमेल या की फिर एसएमएस के माध्यम से यह जानकारी देना जरूरी होगा,साथ ही बैंक नोडल अधिकारियों का चयन करे,और नोडल अधिकारी सिविल से जुड़ी समस्याओं के संबंध में समस्या को सुलझाए।
शिकायतो का 30 दिन के अंदर निपटारा न होने पर 100 रुपए प्रतिदिन जुर्माना
यदि सिविल इंफॉर्मेशन कंपनी 30 दिनों के भीतर ग्राहकों के शिकायत का निपटारा न करने पर हर दिन के हिसाब से 100 रुपए का जुर्माना देय होगा,या की फिर देर से शिकयत करने पर उतना ही अधिक जुर्माना देना होगा,लोन देने वाली कंपनी 21 और क्रेडिट ब्यूरो का 9 का वक्त लगेगा,साथ ही 21 दिन में क्रेडिट ब्यूरो को नही बताया,तो बैंक जुर्माने की राशि देय होगा,और 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया,तो क्रेडिट ब्यूरो को जुर्माने की राशि देय होगी।